haddiyon _me_dard
हड्डियों में पौष्टिक तत्त्वों और अंदरूनी बनावट में कमजोरी
आने से ये कमजोर हो जाती हैं। ऐसा लंबे समय तक होने से ये स्वत: टूट जाती हैं या इनमें फ्रैक्चर हो जाता है। यही स्थिति ऑस्टियोपोरोसिस कहलाती है। शुरुआती अवस्था में हड्डी में दर्द होने लगता है जो समय के साथ बढ़ता है। खासतौर पर जो हड्डियां शरीर का भार उठाती हैं जैसे रीढ़ की हड्डी, जांघ का जोड़, कलाई, कूल्हे का जोड़ आदि प्रमुख हैं। आमतौर पर आराम करने पर दर्द में राहत मिलती है लेकिन जोड़ पर दबाव पडऩे से दर्द सुचारू होता है।
प्रमुख कारण
यह बीमारी मुख्य रूप से अधिक उम्र होने के कारण होती है। खराब दिनचर्या भी इसकी वजह है। सूरज की किरणों के संपर्क में कम रहने से हड्डियों में विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी हो जाती है। पुरुषों में इसके लिए टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी जिम्मेदार है। आनुवांशिकता, डायबिटीज और थायरॉयड जैसी बीमारियों के अलावा यह कम उम्र के लोगों में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने, स्मोकिंग करने और शारीरिक गतिविधि के अभाव से भी होता है।
Comments
Post a Comment